1. |
क |
एक्सीडेंट (दुर्घटना) |
कोई आकस्मिक या अनिच्छित घटना जिससे किसी इकाई को क्षति/चोट पहुंचे |
- |
- |
एक्सीडेंट बेनीफिट (दुर्घटना लाभ) |
दुर्घटना में स्थायी पूर्ण विकलांगता की सूरत में पॉलिसी के तहत बीमांकिक रकम के समान अतिरिक्त लाभ का किश्तों में भुगतान किया जाता है और शेष प्रीमियम माफ कर दिये जाते हैं. |
- |
- |
एज लिमिट (उम्र सीमा) |
निर्दिष्ट न्यूनतम और अधिकतम उम्र जिससे कम या अधिक उम्र होने की सूरत में कंपनी आवेदन स्वीकार नहीं करती या पॉलिसियों का नवीनीकरण नहीं करती. |
- |
- |
एजेंट (अभिकर्ता) |
बीमा कंपनी का प्रतिनिधि जिसे राज्य द्वारा लाइसेंस प्राप्त होता है और जो बीमा के करारों के लिए सलाह देने, वार्ता करने और करार प्रभावी करने में भूमिका निभाता है तथा बीमा कंपनी की ओर से पॉलिसीधारक को सेवाएं देता है. |
- |
- |
एन्युइटी प्लान (वार्षिक आय योजना) |
इन योजनाओं के तहत पेंशन (अथवा एक लमसम रकम व पेंशन का मिश्रण) पॉलिसीधारक अथवा उसके जीवनसाथी को दिया जाता है. पॉलिसी की अवधि के दौरान दोनों की मृत्यु की सूरत में एक लमसम रकम उनके परिजनों को दी जार्तीं है. |
- |
- |
एप्लीकेशन फार्म (आवेदन) |
बीमा कंपनी द्वारा दिया गया .फार्म सामान्यतह्न अभिकर्ता और चिकित्सा परीक्षक (अगर आवश्यक हुआ तो) द्वारा आवेदक से मिली जानकारी के आधार पर भरा जाता है. इस पर आवेदक के हस्ताक्षर होते हैं और अगर जारी किया गया है तो बीमा पॉलिसी का हिस्सा होता है. |
- |
- |
असाइनमेंट (कानूनी हस्तांतरण) |
असाइनमेंट यानी कानूनी हस्तांतरण. यह एक तरीका है जिसके तहत पॉलिसीधारक अपने हित का हस्तांतरण दूसरे व्यक्ति को कर सकता है. असाइनमेंट पॉलिसी दस्तावे.ज पर एंडोर्समेंट यानी पीछे हस्ताक्षर करने या फिर एक अलग करार के रूप में की जाती है. असाइनमेंट दो तरह का होता है : - शर्तों के साथ - या संपूर्णता में |
2. |
ख |
बेनी फिशियरी (लाभार्थी) |
पॉलिसी में दर्शाये गये बीमांकिक व्यक्ति की मृत्यु की सूरत में बीमा राशि पाने वाले व्यक्ति या संस्थाओं ( उदाहरण के लिए निगम, ट्रस्ट आदि ) |
- |
- |
बिजनेस इंश्युरेंस (व्यावसाय बीमा) |
एक पॉलिसी जिसके तहत किसी व्यवसाय को उसी तरह कवरेज लाभ मिलता है जैसे कि व्यक्तियों को. यह पॉलिसी किसी व्यवसाय को किसी प्रमुख कर्मचारी या साझीदार के विकलांग होने की सूरत में उसकी सेवाएं खो देने पर व्यवसाय की क्षतिपूर्ति करने के लिए जारी की जाती है. |
3. |
ग |
कैंसलेबल (रद्द किये जा सकने वाला करार) |
स्वास्थ्य बीमा का एक करार जो पॉलिसी अवधि के दौरान बीमांकिक व्यक्ति या कंपनी द्वारा रद्द किया जा सकता है. |
- |
- |
को-इंश्युरेंस (उपबीमा) |
१) एक प्रावधान जिसके तहत जो बीमांकिक व्यक्ति मूल्यांकन के मुकाबले बीमा के तय प्रतिशत से कम पाता है. उसे घाटे का भुगतान किया जाता है. इस रकम का अनुपात आवश्यक रकम और समान बीमांकिक का राशि होता है. २) एक पॉलिसी प्रावधान जो अक्सर चिकित्सा बीमा में पाया जाता हैह्न इससे बीमांकिक व्यक्ति और बीमा कंपनी पॉलिसी के तहत निर्धारित अनुपात में पॉलिसी में कवर किया घाटा सहते हैं ड्ढ ८० .फीसदी बीमा कंपनी और २० .फीसदी बीमांकिक व्यक्ति. |
- |
- |
कन्वर्टीबल होल लाइफ पॉलिसी (परिवर्तनशील आजीवन पॉलिसी) |
यह आजीवन पॉलिसी और एंडोमेंट पॉलिसी का मिश्रण है. जब बीमांकित व्यक्ति अपने कैरियर की शुरुआती स्थिति में हैह्न यह पॉलिसी बहुत कम बीमा प्रीमियम पर अधिकतम रिस्क कवर मुहैया कराती है और पॉलिसी की शुरुआत के पांच वर्ष बाद इसे एंडोमेंट पॉलिसी में बदलने की संभावना रहती है. |
- |
- |
कवरेज (सुरक्षा का दायरा) |
बीमा के करार के तहत मुहैया कराई गई सुरक्षाह्न एक पॉलिसी में कई तरह के जोखिम पर सुरक्षा मुहैया कराई जार्तीं है. |
4. |
घ |
डे.ज ऑ.फ ग्रेस (अतिरिक्त अवधि) |
पॉलिसी धारकों से उम्मीद की जाती है कि अपना प्रीमियम समय पर यानी अंतिम तिथि तक भरें लेकिन १५-३० दिनों की अतिरिक्त अवधि प्रीमियम भुगतान के लिए मिलती है जिसे डेज ऑफ़ ग्रेस यानी अतिरिक्त अवधि या छूट अवधि कहा जाता है. |
- |
- |
डिफरमेंट पीरियड (विलंब अवधि) |
एक बीमा कम पेंशन पॉलिसी के ग्राहक बनने की तिथि से पेंशन की पहली किश्त मिलने की तिथि के बीच के समय को डि.फरमेंट पीरियड यानी विलंब अवधि कहते हैं. ऐसी पॉलिसियों में आम तौर पर विलंब अवधि की न्यूनतम या अधिकतम सीमा बताई जाती है. |
- |
- |
डेप्रीसिएशन (अवमूल्यन) |
किसी संपत्ति के मूल्य में समय के साथ टूट.फूट या पुरानी पड़ने के कारण कमी आना. अवमूल्यन का इस्तेमाल किसी संपत्ति के नुकसान की सूरत में उसका वास्तविक मूल्य आंकने के लिए किया जाता है. |
- |
- |
डबल/ट्रिपल कवर प्लान (दुगने/तिगुने कवर वाली योजनाएं) |
यह पॉलिसियां लाभार्थियों को बीमांकिक रकम की दुगनी/तिगुनी रकम बीमांकित व्यक्ति की पॉलिसी की अवधि के दौरान मृत्यु होने पर देती हैं. परिपक्वता की तिथि तक जीवित रहने की सूरत में मूल बीमांकिक रकम पॉलिसी धारक को दी जाती है. यह कम प्रीमियम वाली योजनाएं हैं और आवास जैसी स्थितियों में उपयोगी हैं. |
5. |
ङ |
एंबेजिलमेंट (गबन) |
किसी को अमानत के तौर पर दी गई संपत्ति या रकम ले लेना या उसका धोखे से इस्तेमाल करना. |
- |
- |
एंडोमेंट पॉलिसी |
बीमित व्यक्ति को वार्षिक प्रीमियम देना होता है जो व्यक्ति की पॉलिसी लेते समय उम्र और पॉलिसी की अवधि पर निर्भर करता है. बीमित रकम या तो निर्धारित वर्ष पूरे होने पर या बीमित व्यक्ति की मौत की सूरत मेंह्न जो भी पहले हो, अदा की जाती है. |
- |
- |
एक्सेस एंड सरप्लस इंश्युरेंस (सीमा से अधिक या अतिरिक्त रकम का बीमा) |
१) एक निश्चित रकम से अधिक के घाटे की पूर्ति करने के लिए किया गया बीमा जिसमें उस रकम से कम का घाटा नियमित पॉलिसी के तहत कवर किया गया होता है. (२) असाधारण या एक समय के जोखिम जैसे एक संगीतकार के हाथों को क्षति या एक करार के बहु जोखिम को सुरक्षा प्रधान करने के लिए कराया गया बीमा, जिसके लिए आम बा.जार में सुरक्षा उपलब्ध नहीं है. |
- |
- |
एक्सक्लूशंस (को छोडते हुए) |
ऐसी स्थितियां या हालात जिनके लिए पॉलिसी लाभ नहीं मुहैया कराएगी. |
6. |
च |
फैकल्टेटिव रीइंश्युरेंस (चयनित पुनर्बीमा) |
पुनर्बीमा का एक प्रकार जिसमें पुनर्बीमाकर्ता किसी कंपनी द्वारा पेश जो.खिम स्वीकार या नकार सकता है. |
- |
- |
फैमिली इंश्युरेंस (पारिवारिक बीमा) |
एक जीवन बीमा पॉलिसी जो एक करार में परिवार के सभी या कई सदस्यों को बीमा मुहैया कराती है. सामान्यतह्न इस पॉलिी के तहत प्रमुख आजीविका अर्जित करने वाले सदस्य को संपूर्ण जीवन बीमा और जीवनसाथी तथा बच्चें को, जिनमें पॉलिसी जारी करने के बाद जन्मे बच्चे शामिल हैं, छोटी रकमों का टर्म इंश्युरेंस मिलता है. |
- |
- |
फिडूसरी (न्यासी) |
एक व्यक्ति जो विश्वास पर दूसरे की अमानत अपने पास रखता है. |
- |
- |
फायर इंश्युरेंस (अग्नि बीमा) |
आग और बिजली तथा उसके नतीजतन धुएं और पानी से होने वाले नुकसान की भरपाई, बाढ़ बीमा कवरेज के तहत बाढ़ से होने वाले नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार द्वारा तैयार किये गये कार्यक्रम के तहत का.फी कम कीमत पर उपलब्ध है. |
- |
- |
फ्रेंचाइजी इंश्युरेंस (नागरिक बीमा) |
बीमे का एक तरीका जिसमें वैयक्तिक पॉलिसियां कर्मचारियों के एक संयुक्त मालिक को या एक संस्था को ऐसी व्यवस्था के तहत सौंपी जाती हैं कि मालिक या संस्था प्रीमियम जमा कर बीमा कंपनी को देने के लिए तैयार होते हैं. |
7. |
छ |
गारंटीड इंश्युरेंस सम (गारंटीशुदा बीमांकिक रकम) |
भारतीय जीवन बीमा निगम की जीवन अक्षय योजना के तहत एक लमसम .खरीदी .कीमत भविष्य में पेंशन हासिल करने के लिए दी जाती है. इस रकम को जीआइएस कहते हैं. मासिक पेंशन जो पहले प्रीमियम के भुगतान के एक महीने बाद शुरू होती है, प्रवेश के समय उम्र के आधार पर तय होती है. |
- |
- |
ग्रॉस इंश्युरेंस वैल्यू एलीमेंट (कुल बीमा मूल्य अंश) |
भारतीय जीवन बीमा निगम की जीवनधारा पॉलिसी के तहत आस्थागन तिथि पर भुगतान की जाने वाली रकम. आस्थागन अवधि के बाद जीआइवीई का एक .फीसदी एन्युइटी प्रति माह दी जाती है और आस्थागन अवधि के बाद मृत्यु की सूरत में समूचा जीआइवीई दिया जाता है. |
- |
- |
ग्रूप लाइ.फ इंश्युरेंस (सामूहिक जीवन बीमा) |
जीवन बीमा जो बिना चिकित्सा पॉलिसी के तहत लोगों के समूह का एक मास्टर पॉलिसी के तहत किया जाए. यह विशेष रूप से कर्मचारियों के हित के लिए मालिक अथवा एक पेशेवर सदस्यता समूह की संस्था के सदस्यों को सौंपा जाता है. समूह के अलग अलग सदस्य अपने बीमे के लिए प्रमाणपत्र के रूप में रखते हैं. |
- |
- |
गारंटीड पॉलिसी (गारंटीशुदा पॉलिसियां) |
यह ऐसी पॉलिसियां हैं जहां भुगतान निश्चित रहता है. |
8. |
ज |
इन्डेमनीफाइ (क्षतिपूर्ति) |
एक वैधानिक नियम जिसके तहत स्पष्ट किया गया है कि एक बीमित संस्था नुकसान के वास्तविक मूल्य की नकदी से अधिक न ले और वही वित्त स्थिति बनाये रखे जो नुकसान से पहले थी. |
- |
- |
इंश्युरेबल इंट्रेस्ट (बीमायोग्य हित) |
एक स्थिति जिसमें बीमा के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति और वह व्यक्ति जिसे कि पॉलिसी लाभ मिलने वाला है, किसी अप्रत्याशित घटना में भावनात्मक या वित्तीय नुकसान झेलता है. बिना बीमायोग्य हित के बीमा करार अवैध है. |
- |
- |
इंश्युरेब्लिटी (बीमा योग्यता) |
व्यक्ति से संबद्ध वह सभी स्थितियां जो उसके स्वास्थ्य, चोट की आशंका, .जिंदगी की संभावनाओं को प्रभावित करती हैं ड्ढ एक व्यक्ति का जोखिम स्वरूप ( रिस्क प्रोफाइल ) |
- |
- |
इंश्युरेंस (बीमा) |
एक सामाजिक प्रक्रिया जिसके तहत किसी व्यक्ति को नु.कसान की सूरत में जोखिम की समान स्थितियों में बड़ी संख्या में लोगों में बांटकर अनिश्चितता के जोखिम को कम से कम किया जा सकता है. |
- |
- |
इंश्युअर्ड (बीमित व्यक्ति) |
वह व्यक्ति जिसका जीवन बीमा पॉलिसी के तहत कवर किया जाता है. |
9. |
झ |
ज्वाइंट लाइ.फ एंडोमेंट प्लांस (संयुक्त जीवन एंडोमेंट योजनाएं) |
इस पॉलिसी के तहत बीमांकिक रकम (और अर्जित बोनस यदि है तो) एंडोमेंट अवधि की समाप्ति अथवा बीमित दो व्यक्तियों में से पहले व्यक्ति की मौत की सूरत में, जो भी पहले हो, दी जाती है. विशेष रूप से (आवश्यक नहीं) यह पॉलिसी दंपत्ति लेते हैं. इसमें दंपत्ति के लिए एक विशेषता और है. अगर इसके तहत दोनों की मौत पॉलिसी की अवधि के दौरान हो जाती है तो बीमांकिक रकम पहली मौत पर और फिर दूसरी मौत पर (सभी निहित बोनस के साथ) दी जाती है. अगर दो में से एक या दोनों परिपक्वता तिथि तक जीवित रहते हैं तो बीमांकिक रकम सभी निहित बोनस के साथ परिपक्वता तिथि पर दी जाती है. इस योजना के तहत पहली मौत या चयनित अवधि पूरी होने के बाद, जो भी पहले हो, प्रीमियम भरना .जरूरी नहीं होता. दूसरा फर्क इस पॉलिसी में यह है कि इसके तहत दोनों/जीवित जीवनसाथी को एन्युइटी या .कानूनी वारिस के लिए लमसम रकम का प्रावधान है. |
10. |
ञ |
कीमैन इंश्युरेंस पॉलिसी |
एक जीवनबीमा पॉलिसी जो एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति, जो उसका कर्मचारी/किसी रूप में व्यवसाय से जुड़ा है, के जीवन पर लेता है. |
11. |
ट |
लैप्स्ड पॉलिसी (बंद हो चुकी पॉलिसी) |
एक पॉलिसी जो ब.काया प्रीमियम के भुगतान न होने की सूरत में बंद हो चुकी है. |
- |
- |
लिमिटेड पेमेंट लाइफ पॉलिसी (सीमित भुगतान वाला जीवन बीमा) |
प्रीमियम एक निश्चित संख्या के वर्षों तक या इस अवधि में अगर मौत हो तभी तक भरना होता है. पॉलिसी की रकम लाभार्थियों को तभी दी जाती है जब पॉलिसीधारक की मौत हो. यह पॉलिसी भी लाभ सहित या लाभ रहित हो सकती है. |
- |
- |
लॉयल्टी एडीशंस (प्रतिबद्धता लाभ) |
प्रतिबद्धता लाभ पॉलिसी की परिपक्वता पर दिये जाते हैं, उससे पहले नहीं. यह बीमांकिक रकम का एक छोटा सा हिस्सा होता है. खुलकर कहें तो प्रतिबद्धता लाभ बीमा कंपनी के प्रदर्शन और गारंटीशुदा लाभ के बीच का फर्क होता है. एलआइसी की यह कोशिश होती है कि मूल्यांकन के बाद अपना सरप्लस पॉलिसीधारकों में बांटे चूंकि एलआइसी एक नॉन प्रॉ.फिट यानी 'मुना.फा नहीं' संस्था है. |
- |
- |
लाइफ अश्युअर्ड (बीमित जीवन) |
एक व्यक्ति जिसका जीवन एक वैयक्तिक जीवन बीमा पॉलिसी के तहत बीमित किया गया है. |
12. |
ठ |
मैच्योरिटी (परिपक्वता) |
वह तारीख जिस पर जीवन बीमा पॉलिसी का अंकित मूल्य, मृत्यु की सूरत में पहले नहीं दिया गया, पॉलिसीधारक को दिया जाता है. |
- |
- |
मैच्योरिटी क्लेम (परिपक्वता दावा) |
पॉलिसी की तय अवधि पूरी होने पर पॉलिसी धारक को किया गया भुगतान परिपक्वता दावा कहलाता है. |
- |
- |
मिसरिप्रेजेंटेशन (गलत जानकारी देना) |
एक ऐसा आकलन, तस्वीर, निर्देश या बयान देना/जारी करना/वितरित करना या जारी करने की स्थिति पैदा करना जिसमें पॉलिसी की वास्तविक शर्तें, लाभांश या सरप्लस का हिस्सा या किसी पॉलिसी के लिए शीर्षक अथवा नाम या पॉलिसियों का वर्ग न दर्शाया गया हो या वह सही न हो. |
- |
- |
मनी बैक पॉलिसी (रकम वापसी पॉलिसी) |
एंडोमेंट प्लान के विपरीत मनी बैक पॉलिसियों में पॉलिसीधारक को पॉलिसी की अवधि के दौरान भी समय समय पर भुगतान किया जाता है और अवधि पूरी होने पर एक लमसम रकम मिलती है. पॉलिसी के दौरान मृत्यु की सूरत में लाभार्थी को भरे गये प्रीमियम या अन्य कोई भरी गई बिना किसी कटौती के समूची बीमाकिंक रकम मिलती है व उसके बाद प्रीमियम भरना .जरूरी नहीं होता. यह पॉलिसियां का.फी लोकप्रिय हैं चूंकि इनके जरिये पॉलिसीधारक निश्चित अवधियों में बड़ी रकमें पाना निर्धारित कर सकता है. |
- |
- |
मोरल हैजार्ड (नैतिक संकट) |
इसमें जोखिम बीमांकिक व्यक्ति की बीमा की जरूरत, स्वास्थ्य की स्थिति, निजी आदतों, जीवन स्तर और आय पर निर्भर करता है. नैतिक संकट एक जो.खिम कारक है तो बीमा कंपनी के जोखिम स्वीकार करने के .फैसले को प्रभावित कर सकता है. |
13. |
ड |
नॉमीनेशन (नामांकन) |
एक कार्य जिसके तहत पॉलिसीधारक किसी दूसरे व्यक्ति को पॉलिसी की रकम हासिल करने का अधिकार देता है. अधिकारप्राप्त व्यक्ति नामित व्यक्ति कहलाता है. |
- |
- |
नॉन कैंसलेबल पॉलिसी (जन रद्द की जा सकने वाली पॉलिसियां) |
ऐसी पॉलिसियां जो किसी भी सूरत में, जब तक भुगतान होता है, चालू रहती हैं. |
14. |
ढ़ |
प्रीमियम (किश्त) |
एक रकम या नियमित भरी जाने वाली रकमों में से एक जो एक पॉलिसीधारक बीमा कंपनीको देता है जिसके बदले बीमा कंपनी करार में विनिर्दिष्ट आपात स्थिति (उदाहरण के लिए मौत) की सूरत में लाभ देने का वायदा करती है. |
- |
- |
प्रीमियम बैक टर्म इंश्युरेंस प्लान (प्रीमियम वापसी बीमा योजना) |
इनके तहत अगर पॉलिसी की अवधि पूरी होने तक बीमांकिक व्यक्ति जीवित रहता है तो सभी प्रीमियम लौटाये जाते हैं. पॉलिसी की अवधि में मौत की सूरत में समूची बीमांकिक रकम लाभार्थियों को दी जाती है. |
15. |
ण |
रीनस्टेटमेंट (बंद पॉलिसी चालू कराना) |
एक बंद पॉलिसी को फिर से चालू स्थिति में लाना. इसके लिए बीमायोग्यता के प्रमाण की आवश्यकता पड़ सकतीहै (और अगर स्वास्थ्य की स्थिति बदली है तो पॉलिसी फिर चालू करने से इंकार भी किया जा सकता है) तथा पिछले ब.काया प्रीमियम की पूरी रकम भरनी होती है. |
- |
- |
रिस्क ( जोखिम) |
बीमा कंपनी पॉलिसी जारी करते समय जोखिम लेने का वायदा करती है. इस जोखिम को आबादी के एक बड़े हिस्से में बांटा जाता है, आंकड़ेवार संभावनाओं में समाहित किया जाता है और किसी अनहोनी की सूरत में सुरक्षा देना बीमा का मूल उद्देश्य है. जोखिम की कल्पना के तहत मौत को एक आपात स्थिति माना गया है. यानी, वैसे तो मौत निश्चित है लेकिन कब आएगी यह अनिश्चित है. जोखिम का आकलन और चयन करने की प्रक्रिया को अंडरराइटिंग कहते हैं. |
16. |
त |
सैलेरी सेविंग स्कीम (वेतन बचत योजना) |
इस योजना के तहत प्रीमियम का भुगतान कर्मचारियों के वेतन से मालिक द्वारा काटकर किया जाता है. |
- |
- |
सब स्टैंडर्ड रिस्क (दोयम दर्जे का जोखिम) |
एक व्यक्ति जो शारीरिक स्थिति, बीमारी के पारिवारिक या निजी इतिहास, कार्य, अस्वस्थ माहौल में रहने के कारण या .खतरनाक आदतों की वजह से जिसे औसत से कम, या असामान्य बीमा जोखिम के तहत माना जाता है. |
- |
- |
सरेंडर वैल्यू (अभ्यर्पण मूल्य) |
पॉलिसीधारक को दी जाने वाली वह रकम जो पॉलिसी की अवधि समाप्त होने से पहले ही व्यक्ति के पॉलिसी बंद करने का .फैसला करने की सूरत में दी जाती है. |
- |
- |
सरवाइवल बेनी.फिट (जीवित रहने की सूरत में मिलने वाले लाभ) |
एक मनी बैक पॉलिसी के तहत भरी गई किश्तों के कारण बकाया रकम बीमांकिक व्यक्ति को देना. |
17. |
थ |
वेस्टिंग ए.ज (पेंशन प्रारंभ होने की उम्र) |
वह उम्र जिसमें बीमा और पेंशन प्लान के तहत पेंशन मिलना प्रारंभ होता है. |
18. |
द |
होल लाइफ पॉलिसी (आजीवन बीमा) |
यह वह पॉलिसी है जिसके तहत पॉलिसी धारक को ताउम्र प्रीमियम की अदायगी करनी पड़ती है. इसमें दो तरह की पॉलिसी हैं, एक लाभ सहित और दूसरी लाभ रहित. लाभ वाली पॉलिसी में एलआइसी हर वर्ष बोनस की घोषणा करती है लेकिन लाभ रहित पॉलिसी में यह स्वाधिकार नहीं है. |
- |
- |
विथ प्रॉफिट पॉलिसी (लाभ सहित पॉलिसी) |
वह पॉलिसियां जो बोनस पाने की पात्र होती हैं. यह बोनस मृत्यु दावे या परिपक्वता के समय मिलता है. |
- |
- |
विदाऊट प्रॉफिट पॉलिसी (लाभ रहित पॉलिसी) |
यह पॉलिसियां बोनस की पात्र नहीं होतीं. |